दुरूद शरीफ़ वाक्य
उच्चारण: [ durud sherif ]
उदाहरण वाक्य
- दुरूद शरीफ़ की बहुत बरकतें और महानताएं हैं.
- दुरूद शरीफ़ में आल व असहाब का ज़िक्र मुतवारिस है.
- दुरूद शरीफ़ अल्लाह तआला की तरफ़ से नबीये करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का सम्मान है.
- इसके लिए दुरूद शरीफ़, सूरा ए फ़ातिहा, आयतल-कुर्सी, चार क़ुल, लाहौल काफ़ी हैं।
- और नमाज़ की आख़िरी बैठक में तशहदुद यानी अत्तहियात के बाद दुरूद शरीफ़ पढ़ना सुन्नत है.
- शुरू और बाद में चंद बार दुरूद शरीफ़ ज़रूर पढ़ें-‘ अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंव व अला आलिहि वसल्लम ‘
- यानी दुरूद शरीफ़ में आपके मुबारक नाम के साथ उनको शामिल किया जा सकता है और मुस्तक़िल तौर पर हुज़ूर के सिवा उनमें से किसी पर दुरूद भेजना मकरूह है.
- तब तक आप यह दुरूद शरीफ़ याद कर लीजिए क्योंकि आप कोई भी अमल करेंगे उसकी कुबूलियत के लिए आपको दुआ से पहले और दुआ के बाद दुरूद शरीफ़ ज़रूर पढ़ना होगा।
- तब तक आप यह दुरूद शरीफ़ याद कर लीजिए क्योंकि आप कोई भी अमल करेंगे उसकी कुबूलियत के लिए आपको दुआ से पहले और दुआ के बाद दुरूद शरीफ़ ज़रूर पढ़ना होगा।
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